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पर्दाफाश

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📕खरसिया 📕- खरसिया में आचार संहिता के दौरान  हवाला के माध्यम से लाखों रूपये के लेन देन का बड़ा मामला आया सामने, जाँच से हो सकता है बड़ा खुलासा*

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📕खरसिया 📕- खरसिया में आचार संहिता के दौरान  हवाला के माध्यम से लाखों रूपये के लेन देन का बड़ा मामला आया सामने, जाँच से हो सकता है बड़ा खुलासा*

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव आचार संहिता के दौरान व्यापारिक नगरी खरसिया में कुछ रसूखदार लोगों और उनके गुर्गो द्वारा लाखों करोड़ो रुपयों की काली कमाई को हवाला के माध्यम से इधर से उधर भेजनें का काला कारोबार चल रहा है इस बात का खुलासा खरसिया आलोक इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्य ज्या ज्योति और चेयरमेन शना बजाज के मध्य हुईं पैसों के लेन देन और आपसी तकरार के एक मामले में हुआ जहाँ तकरार के बाद जया ज्योति को दबाव बनाने स्कूल से ही नहीं बल्कि 24 घंटे के अंदर में खरसिया से भी निकलने का दबाव बनाया गया शना बजाज की बेटी के एडमिशन के लिए 10 लाख रूपये के लेन देन की बात प्रिंसिपल ने भी स्वीकार किया साथ ही ये भी बताया गया,हवाला के माध्यम से पहले भी लाखों रूपये दिए गये और लिए गये जो बात पुरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण हैं और गंभीर भी

लोकसभा चुनाव के दौरान ज़ब आचार संहिता लगा हुआ हैं यहाँ रसूखदारों के मध्य हवाला के माध्यम से लेन देन पुलिस की जानकारी में हो रहा है ,शिकायत दर्ज करवाने गईं प्रिंसिपल बिना शिकायत लिखवाये 3 लाख रूपये के सेटलमेंट में साथ ही अपने जान माल की सुरक्षा को देखते हुए या भारी दबाव के कारण औपचारिक समझौता करतें हुए विशाखापत्तनम पहुंच गईं है वहीं शना बजाज ने ने उक्त महिला प्रिसिंपल पर भी 10लाख रूपये के देनदारी की बात पत्रकारों को बताया, जिसको लेकर महिला प्रिंसिपल को मुरली टॉवर में बंधक बनाकर रखा गया था, कि ज़ब तक 10 लाख नहीं दोगे जाने भी नहीं देंगे, साथ ही शाही फरमान भी कि 24 आधे घंटे में 10लाख रूपये दो, महिला प्रिंसिपल ने फोन से अपने परिजनों से बात कर हवाला के माध्यम से 10 लाख रूपये sonu hawala के नाम से ट्रांसफर करवाए तब पत्रकार महिला प्राचार्य के सामने थे इस घटना की पत्रकारों ने वीडियो भी बनाया है, प्रिंसिपल ने स्वयं मोबाईल दिखाकर प्रमाण स्वरूप उसके शॉर्ट्स भी पत्रकारों को दिए देखिये मैंने 10 लाख दे दिए लेकिन यहाँ गौर करने वाली बात जो है, वह यह है हवाला के माध्यम से लेन देन और सेटलमेंट किया गया है इतना बड़ा क्राइम वन टाइम में कर रहें है अगर इस घटना की छानबीन ठीक से किया जाये तो बहुत बड़ा खुलासा हो सकता है और कई बातें सामने आ सकती हैं जो जाँच का विषय है इस विषय में पुलिस की चुप्पी समझ से परे है.

आइये समझतें हैं आखिर क्या है हवाला….?

*क्या होता है हवाला?*

हवाला मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है लेन देन. माना जाता है कि आधुनिक बैंकिंग प्रणालियों के विकसित होने से पहले हवाला के जरिए ही पैसों का लेन देन किया जाता था. माना जाता है कि पुराने जमाने में भारतीय और अरबी व्यापारियों ने चोरी से बचने के लिए भारत में ही इस व्यवस्था की शुरुआत की. अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था के आ जाने के बाद हवाला व्यवस्था बंद हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

*हवाला*

भारत में हवाला विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है आज हवाला भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी का पर्याय बन गया है. भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में हवाला ऑपरेटरों का एक विस्तृत जाल फैला हुआ है जिसके जरिए आसानी से कहीं से भी कितना भी पैसा सरकारी एजेंसियों की नजर बचा कर इधर से इधर किया जा सकता है.

*हवाला है गैर कानूनी*

इसके तहत पैसों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने की जरूरत नहीं पड़ती. हवाला ऑपरेटर एक जगह पैसे ले लेते हैं और दूसरी जगह अपने नेटवर्क का इस्तेमाल अपने किसी सहयोगी के जरिए उतना ही पैसा पहुंचा देते हैं. इससे पैसा एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाता और सरकारी एजेंसियों की निगाह से बच जाता है.

*क्या है हवाला में सजा प्रावधान?*

इस लेन देन के लिए हवाला ऑपरेटर एक कमीशन लेते हैं जो उनकी कमाई का जरिया होता है. हवाला ऑपरेटर अक्सर वैध व्यापार भी चलाते हैं और उसकी आड़ में हवाला व्यवस्था चलाते हैं. जानकारों का कहना है कि दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाला व्यवस्था का गढ़ है. अधिकांश हवाला लेन देन दुबई से ही संचालित होते हैं.

भारत में हवाला विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है. धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध से हासिल किए गए पैसे से किसी भी रूप से संबंधित होने वाले को और उस पैसे या संपत्ति को सफेद पैसा या कमाई दिखाने वाले को धन शोधन का दोषी माना जाता है. इसके लिए तीन साल से ले कर सात साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

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