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फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी, हर्षिता स्वामी बघेल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया

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जशपुर – प्रदेश में सरकारी तंत्र की कमजोरियों का लाभ लेकर फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालो की कमी नही है, ऐसा ही एक मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री के जिले से निकल कर सामने आया है । विषय को लेकर हर्षिता स्वामी बघेल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया गया है

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बघेल ने अपने ध्यानाकर्षक में कहा है कि- “अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर आज पर्यंत तक शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति में अकल्पनीय गड़बड़ झाला हो रहा है, जिसके कारण बेरोजगार नव युवकों का भविष्य खराब हो रहा है। सदन के माध्यम से अवगत कराना चाहूंगी, ऐसे भी शातिर अधिकारी विभाग में कार्यरत है, जिनके द्वारा, शासकीय सेवक जो नौकरी में रहते हुए मृत्यु हो जाता है; उनके परिजन मौके के तलाश को देखते हुए फर्जी गोदनामा लिखवाकर शासन-प्रशासन से छल व कपटपूर्वक शासकीय सेवक बन गये है। इसका ज्वलंत उदाहरण माननीय मुख्यमंत्री के गृह जिला में नरेंद्र कुमार सिन्हा हैं, जो अपने बड़े पिता गिरिजानंद सिन्हा (गोद पिता) के मृत्युपश्चात फर्जी गोदनामा पत्र लिखवाकर वर्ष 1993-94 में सहायक शिक्षक के पद पर गोदनामा पत्रक के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त किया है, जो कि जशपुर जिला में चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि नरेन्द्र सिन्हा के वास्तविक (जन्म देने वाले) पिता का नाम शिवानंद सिन्हा है। यह कर्मचारी वर्तमान समय में पदोन्नति पाकर व्याख्याता के पद पर कार्यरत रहते हुए, शासन-प्रशासन को गुमराह कर, प्रतिनियुक्ति शासन स्तर से लेकर जिला मिशन समन्वय के पद पर अपना नियुक्ति करा लिया है। इसके साथ-ही-साथ जशपुर कलेक्टर को गुमराह करके जिला मिशन समन्वयक, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक जिला परियोजना अधिकारी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा एवं जिला परियोजना अधिकारी साक्षर भारत, सहायक संचालक, परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, जशपुर तथा परियोजना अधिकारी, पहाड़ी कोरवा एवं बिहोर विकास अभिकरण जशपुर जैसे प्रभावशाली विभागों के कार्यालय प्रमुख का पद लेकर दायित्व का निर्वहन कर रहे है। जिसके कारण संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में भंयकर आक्रोश है। सदन के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में वर्ष 1990 से 2000 तक में, विभाग के द्वारा गोदनामा पत्रक के आधार पर नियुक्ति दी गई है; ऐसे समस्त कर्मचारियों के दस्तावेज की जांच की जाए। फर्जी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये।

 

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