कुनकुनी सार स्टील की जनसुनवाई हो निरस्त …300 एकड़ आदिवासी जमीन घोटाला के विवादास्पद जमीन पर प्लांट स्थापना बर्दाश्त नही …धनंजय राठिया..
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कुनकुनी सार स्टील की जनसुनवाई हो निरस्त …300 एकड़ आदिवासी जमीन घोटाला के विवादास्पद जमीन पर प्लांट स्थापना बर्दाश्त नही …धनंजय राठिया

*सार स्टील जनसुनवाई रिपोर्ट …
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प्रदेश में आदिवासियों की जमीन को धोखाधड़ी पूर्वक हथियाने और सबसे बड़ा जमीन घोटाला खरसिया के कुनकुनी में सामने आया था…… 13 साल पहले उजागर हुए इस घोटाले में सरकार ने जांच का हवाला देकर कुछ नहीं किया…. 300 एकड़ के इस जमीन घोटाले में कोलवाशरी और स्टेशन का निर्माण हो गया….अब इसी बेनामी खरीदी वाले कुनकुनी में सार स्टील एंड पावर प्राइवेट प्लांट लगने वाला है….जिसकी जन सुनवाई पर्यावरण विभाग ने 20 जनवरी 2023 को रखी गई है ….*
*मेसर्स सार स्टील एंड पावर लिमिटेड के द्वारा कुनकुनी में अपना प्लांट लगाया जा रहा है। प्लांट की क्षमता आयरन ओर पेलेटाइजेशन प्लांट 900000 टीपीए, स्पंज आयरन 231000 टीपीए, एमएस बिलेट्स 2,04000 एमटीपीए, रोलिंग मिल की क्षमता 198000 टीपीए, कैपटिव पावर प्लांट 24 एमडब्ल्यू होगी*
*मेसर्स सार स्टील एंड पावर लिमिटेड कुनकुनी आरओबी रेलवे स्टेशन खरसिया की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई 20 जनवरी 2023 समय प्रातः 11:00 परियोजना स्थल ग्राम कुनकुनी खरसिया में रखी गई है। इस परियोजना में खैरपाली, कुनकुनी, पामगढ़, नवागांव, बडे डूमरपाली, कुरु, रानी सागर, दर्रामुड़ा, चपले, रजघटा, बसनाझर आदि दर्जन गांव प्रदूषण की चपेट में आएंगे।*
*प्रदेश में आदिवासियों की जमीन को धोखाधड़ी पूर्वक हथियाने और सबसे बड़ा जमीन घोटाला खरसिया के कुनकुनी में सामने आया था। 13 साल पहले उजागर हुए इस घोटाले में सरकार ने जांच का हवाला देकर कुछ नहीं किया। 300 एकड़ के इस जमीन घोटाले में कोलवाशरी और स्टेशन का निर्माण हो गया। अब इसी बेनामी खरीदी वाले कुनकुनी में सार स्टील एंड पावर प्राइवेट प्लांट लगने वाला है। जिसकी जन सुनवाई पर्यावरण विभाग ने 20 जनवरी 2023 को रखी है। जमीन घोटाले के समय भी जनप्रतिनिधियों की आँखें बंद थी और अब भी बंद है। हाल ही में पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने विधानसभा मे कुनकुनी जमीन घोटाले का मामला उठाया था।*
*देश का सबसे प्रदूषित जिला फिर भी उद्योग लग रहे*
*देश में सबसे प्रदूषित जिले में शुमार रायगढ़ में आए दिन नए उद्योग और उद्योग का विस्तारीकरण द्रुत गति से जारी है। रायगढ़ के तमनार, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ और लैलूंगा के बाद खरसिया भी इस जिले का सबसे प्रदूषित विधानसभा क्षेत्र होगा। जिले के जनप्रतिनिधियों के सरल सहज और कुछ ना कहने की प्रवृत्ति के कारण उद्योगपतियों ने रायगढ़ जिले की जल, जंगल और जमीन पर कब्जा कर लिया है। प्रदूषित जिला का दर्जा मिलने के बाद भी रायगढ़ में उद्योगों का विस्तारीकरण बदस्तूर जारी है और यह सिलसिला कब थमेगा जब कहा नहीं जा सकता।*
*जमीन वापसी की प्रक्रिया कागजों में ही अटकी*
*कुनकुनी के प्रभावित आदिवासी पर रसूखदारों द्वारा अनाप-शनाप तरीके से अवैधानिक रूप से खरीदी-बिक्री कर उस पर कोल वाशरी व स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। मामले में जांच व जमीन खरीद फरोख्त की सच्चाई सामने आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा आदिवासियों की जमीन वापसी की प्रक्रिया कर मूल आदिवासी को जमीन वापस करने का निर्देश जारी किया गया था। लेकिन अब तक जमीन वापसी की प्रक्रिया सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है। अब इस जमीनों में वृहद उद्योग खोलने की तैयारी की जा रही है।*
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