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पर्दाफाश

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आदिवासी विरोधी भूपेश की लबरा सरकार…. भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने सरकार पर किया तीखा प्रहार….छत्तीसगढ़ में आदिवासी जमीन घोटाला करने वाले भूमाफियाओ को संरक्षण दे रही सरकार… भूपेश-चरण-उमेश के भूमिका पर उठाए सवाल…?

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खरसिया 300 एकड़ कुनकुनी आदिवासी जमीन घोटाला एवं विवादस्पद उक्त भूमि पर सार स्टील की जनसुनवाई …

आदिवासी विरोधी छत्तीसगढ़ सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट करे लबरा कका भूपेश,मंत्री उमेश पटेल*

*छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में 300 एकड़ जमीन घोटाला का मामला लंबित होने….

खरसिया एसडीएम न्यायालय में 50 से अधिक 170 ख के मामले लंबित होने पर आखिर जनसुनवाई स्थगित क्यों नही..❓*

*300 एकड़ कुनकुनी जमीन घोटाले में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के खास समर्थक पूर्व युवा कांग्रेस नेता अशोक अग्रवाल(तोता) कुनकुनी जमीन घोटाला के मास्टरमाइंड को आखिर संरक्षण क्यों..❓*

*छत्तीसगढ़ आयकर विभाग के पास बेनामी सम्पत्ति एवं आर्थिक अपराध का मामला लंबित फिर भी जनसुनवाई आखिर क्यों..❓*

*रायगढ़/छत्तीसगढ़* छत्तीसगढ़ में खुद आदिवासियों एवं कोसानो का हितैसी बताकर सत्ता में आई लबरा भूपेश बघेल (कांग्रेस) की सरकार एवं खरसिया विधानसभा से सर्वाधिक मतों से खरसिया विधायक को जीताने वाले कुनकुनी एवं खरसिया विधानसभा के आदिवासीयों के साथ अन्याय एवं अत्याचार करने वाले भूमाफियाओं को संरक्षण देने एवं खरसिया विधानसभा सहित रायगढ़ जिले को प्रदूषण की भेंट चढ़ाने वाले छत्तीसगढ़ लबरा सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा हुआ उजागर। 300 एकड़ कुनकुनी आदिवासी जमीन घोटाले का मामला विधानसभा में सामने आते ही पूर्व राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय जी के द्वारा घोटाले में लिप्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों के वीरूद्ध तत्काल निलंबन की कार्यवाही एवं दोषियों के विरुद्ध Fir का आदेश दिया गया था। चूंकि उक्त मामला खरसिया के समाजसेवी गोपाल सिंह जूदेव के द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के माध्यम से दोषियों पर कार्यवाही एवं आदिवासी भाइयों को जमीन वापसी के लिए लगाया गया है। किंतु छत्तीसगढ़ के वर्तमान लबरा सरकार के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के करीबी अशोक तोता के सार स्टील की जनुसनवाई 20 जनवरी को कुनकुनी में आयोजित की गई है। उक्त उद्योग के स्थापना से राबर्टसन रेल्वे स्टेशन सैकड़ो वर्ष पुराने चपले के ऐतिहासिक काली पूजा जिसमे लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना होता है यह धार्मिक स्थल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा जिससे लाखों लोगों की भावना आहत होगी। सार स्टील उद्योग के स्थापना स्थल से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खरसिया आदिवासी विकासखंड का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चपले प्रदूषण से बर्बाद हो जाएगा। सार स्टील स्थापना स्थल से मात्र 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित लोहाखान जलाशय का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगा। उद्योग स्थापना स्थल से लगे दन्तार जिंदा नाला जिससे हजारों एकड़ कृषि भूमि का सिंचाई आदिवासी भाइयों द्वारा किया जाता है अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सार स्टील के द्वारा उद्योग संचालन के लिए भूगर्भ से जल लेने से जलस्तर पूरी तरह नीचे चला जायेगा। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर जी के द्वारा आदिवासी समुदाय के हित के उक्त मुद्दे को छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र में उठाया गया जिसपर जवाब देने के बजाय 2 दिन पूर्व ही विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दिया गया। जिससे छत्तीसगढ़ सरकार एवं उसके मंत्रियों का आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है। कुनकुनी जमीन घोटाला के मास्टरमाइंड रहे पूर्व तहसीलदार अतुल कुमार शेट्टे को छत्तीसगढ़ सरकार में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का ओएसडी तो कुनकुनी घोटाले के मुख्य भूमिका निभाने वाले खरसिया के पूर्व एसडीएम रिटायर्ड संयुक्त कलेक्टर अशोक कुमार धृतलहरे को विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत का निज सहायक बनाकर उपकृत किया गया है। कुनकुनी स्थित वेदांत कोल साइडिंग में आदिवासी भाइयों की जमीन को छलपूर्वक हड़प के छत्तीसगढ़ सरकार के सह पर रायगढ़ जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अवैध तरीके से कोयले की हेराफेरी का कार्य किया जा रहा है। यदि छत्तीसगढ़ सरकार के एवँ उसके मंत्रियों के द्वारा आदिवासी समाज के साथ शोषण एवं भूमाफियाओ को संरक्षण देना बंद नही किया गया एवं स्थानीय बेरोजगारों के साथ छलावा करते हुए रायगढ़ जिले को पर्यावरण प्रदूषित करने से बाज नहीं आने पर आदिवासी समाज की अस्मिता,संस्कृति,जल -जंगल जमीन की रक्षा एवं युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए युवा मोर्चा के सेनानी सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी विरोधी छत्तीसगढ़ की लबरा सरकार को उखाड़ फेंकेगी।

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