HC में सुनवाई के दौरान धूम्रपान करते पकड़े गए वकील, कोर्ट ने ठोक दिया जुर्माना
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HC में सुनवाई के दौरान धूम्रपान करते पकड़े गए वकील, कोर्ट ने ठोक दिया जुर्माना
हाईकोर्ट ने वकील अजमेरा को यह नसीहत भी दी कि सुनवाई भले वर्चुअल हो गई हो, लेकिन अदालत तो एक्चुअल ही है. वकीलों को कम से कम अदालत की गरिमा के अनुसार बर्ताव करना तो ज़रूरी है.
- HC ने वकील अजमेरा पर 10 हजार का जु्र्माना लगाया
- एक हफ्ते में राशि HC की रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश
- HC- सुनवाई भले वर्चुअल हो गई, लेकिन कोर्ट तो एक्चुअल है
कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर चीजें ऑनलाइन हो रही हैं और कोर्ट की सुनवाई भी वर्चुअल स्तर पर हो रही है, लेकिन कई लोग ऑनलाइन सुनवाई के दौरान ‘न्यूनतम अदालती शिष्टाचार’ का पालन तक नहीं कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले में वकीलों को फटकार लगा चुकी है. अब गुजरात हाईकोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई के दौरान धूम्रपान करने वाले वकील जेवी अजमेरा पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है.
गुजरात हाईकोर्ट में जस्टिस एएस सुपेहिया ने सुनवाई के दौरान वकील जेवी अजमेरा के धूम्रपान करने को आपत्तिजनक माना और उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. साथ ही अजमेरा को हफ्ते भर में जुर्माने की रकम गुजरात हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश पारित किया.
हाईकोर्ट ने वकील अजमेरा को यह नसीहत भी दी कि सुनवाई भले वर्चुअल हो गई हो, लेकिन अदालत तो एक्चुअल ही है. वकीलों को कम से कम अदालत की गरिमा के अनुसार बर्ताव करना तो ज़रूरी है.
इससे पहले पिछले महीने राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन का हुक्का का कश लगाते और धुआं उगलते हुए वीडियो वायरल हो गया था. राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच जब कांग्रेस के साथ बसपा के छह विधायकों के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी तभी वरिष्ठ वकील राजीव धवन जिरह के दौरान हुक्का पीते पाए गए थे.
ऐसा ही एक मामला जून में भी आया था, जब सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान एक वकील बिस्तर पर लेटे और टी-शर्ट पहने दिखाई दिए जिसके बाद कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पेश होने वाले वकीलों को शिष्टाचार के साथ पेश होने और अनुचित चीजों को दिखाने से बचने की बात कही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून के अपने आदेश में कहा, ‘यह कोर्ट का विचार है कि जब वकील वर्चुअल सुनवाई करते हुए दिखाई देते हैं, तो उन्हें प्रजेंटेबल होना चाहिए. ऐसी चीजें दिखाने से बचना चाहिए जो सही नहीं हो.
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