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पर्दाफाश

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*📕खरसिया में आदिवासी जमीन की बेनामी खरीद फरोख्त पर लगे रोक…राज कुमार सिदार पूर्व जनपद सदस्य ने रखी मांग…

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*📕खरसिया में आदिवासी जमीन की बेनामी खरीद फरोख्त पर लगे रोक…राज कुमार सिदार पूर्व जनपद सदस्य ने रखी मांग*

*📕खरसिया एसडीएम को लिखित आपत्ति प्रस्तुत बेनामी सम्पति को मूल किसान को वापस करने प्रस्तुत किया आवेदन

*📕खरसिया / रायगढ़📕* यूं तो खरसिया कहने हो राजनीति के लिहाज से सबसे ज्यादा हॉट सीट छत्तीसगढ़ में माना जाता है। यहां तक कि खरसिया में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के पूर्व से ही कांग्रेस में स्व.नंदकुमार पटेल एवँ बीजेपी में स्व.लखीराम अग्रवाल जैसे दिग्गज बीजेपी नेताओं का छत्तीसगढ़ सहित अविभाजित मध्यप्रदेश के राजनीति में बोलबाला रहा है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह एवं बीजेपी के हिन्दू नेता दिलीप सिंह जूदेव के राजनीति का अहम केंद्र बिंदु रहा है। लेकिन सत्ता एवं सरकार में चाहे कोई भी रहे खरसिया विधानसभा क्षेत्र आदिवासी समुदाय सदैव ठगी एवं लूट का शिकार होता आया है। खरसिया क्षेत्र आदिवासी समाज के लिए आरक्षित जनपद क्षेत्र एवं आदिवासी ब्लाक है जहाँ प्रत्येक पंचायत में आदिवासी समाज के सरपंच का प्रतिनिधित्व है लेकिन फिर भी आदिवासी समुदाय के किसानों का सर्वाधिक शोषण हुआ है एवं लगातार जारी है जिसपर चिंता जताते हुए राजकुमार सिदार ने आदिवासी समुदाय के किसानों के भूमि के बेनामी सम्पत्ति क्रय विक्रय पर रोक लगाने सहित बेनामी अंतरण के तहत भूमि को मूल किसानों को वापस करने की मांग उठाई है।

 

*📕खरसिया के कुनकुनी में हुआ छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा 300 एकड़ आदिवासी जमीन घोटाला*
खरसिया के कुनकुनी ग्राम पंचायत में 300 एकड़ से अधिक कृषि भूमि को आदिवासी किसानों को कृषि कार्य हेतु क्रय करना बताते हुए दलालों के द्वारा भूमाफियाओं एवं उद्योगपति सेठो के इशारे पर हड़प लिया गया जिसकी आवाज खरसिया विधायक एवं मंत्री उमेश पटेल ने विधानसभा में जोर शोर से उठाया था। उक्त मामला छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में लंबित है। जिसमे जल्द ही किसानों को उक्त जमीन वापस होगी है। 6 माह तक लगातार आदिवासी एवं मूल निवासी संघर्ष मोर्चा द्वारा आन्दोलन भी किया गया था। खरसिया एसडीएम कार्यालय में लंबित है 170 ख के सैकड़ो एकड़ जमीन के प्रकरण जिसमे भी जल्द ही आदिवासी किसानों के हित मे फैसला होने की।संभावना है।

*📕खरसिया के बाम्हन पाली ग्राम में मौहापाली के आदिवासी किसान के कृषि भूमि का व्यवसायिक उपयोग के लिए बेनामी खरीदी बिक्री पर आपत्ति जताई*

खरसिया के बाम्हन पाली चौक के पास ग्राम मौहापाली के आदिवासी किसान नोहर साय राठिया जाति कंवर की लगभग 96 डिसमिल कृषि भूमि को मौहापाली के ही एक जमीन दलाल जो कि पोस्ट ऑफिस विभाग में सरकारी कर्मचारी है के द्वारा लगभग 2003 वर्ष में रामनाथ सौंरा पिता बस्ती राम ग्राम सुरसी डभरा जिला शक्ति के नाम पर कृषि कार्य हेतु क्रय करना बताकर क्रय किया गया था। उस वक्त भूमि की रजिस्ट्री मात्र 3 लाख 50 हजार रु में बजरंग अग्रवाल सपोस वाला के द्वारा अपने एक अन्य भाई के साथ मिलकर क्रय किया था। किंतु बीच मे उक्त जमीन पर अवैध रूप से बिना टाउन एवं कंट्री प्लानिंग तथा रेरा के अनुमति एवं लायसेंस के बिना बेचने का प्रयास किया किन्तु उक्त भूमि का बिक्री शिकायत उपरांत रुक गया था।

*📕प्रजा पिता ब्रम्ह कुमारी संस्थान को बेचने लगाया था डायवर्सन का आवेदन-राजकुमार सिदार एवं विक्रेता के परिजनों ने लिखित में जताई आपत्ति*

खरसिया पटवारी हल्का नम्बर 41 बाम्हन पाली रानीम खरसिया तहसील खरसिया अंतर्गत उक्त कृषि भूमि के खसरा नम्बर 18/11 रकबा 96 डिसमिल में से लगभग 10 डिसमिल जमीन का सौदा प्रजा पिता ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय संस्था खरसिया को स्थानिय दलालों के माध्यम से लगभग 40 लाख रु में सौदा तय हो जाने पर खरसिया के सूर्यदिप अग्रवाल पिता स्व.बजरंग अग्रवाल (सपोस वाला) के द्वारा खरसिया अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष किसान के नाम पर उक्त भूमि को डायवर्सन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया । जब उक्त जानकारी पूर्व भूमि के विक्रेता के परिजनों एवँ आदिवासी समाज के पूर्व जनपद सदस्य एवं युवा सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार सिदार तुरेकेला को हुई तो उन्होनें खरसिया एसडीएम न्यायालय में दिनांक 9/11/22 को लिखित आपत्ति प्रस्तुत कर डायवर्शन निरस्त करने एवँ उक्त भूमि को मूल आदिवासी किसान को वापस करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। जिसपर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसडीएम खरसिया द्वारा उक्त स्थल का निरीक्षण एवं जांच मय पंचनामा ,प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए खरसिया सर्किल के राजस्व निरीक्षक एवं बाम्हन पाली ग्राम के हल्का पटवारी को निर्देशित किया गया। जिसपर आज दिनांक 12/11/22 को उक्त राजस्व विभाग की टीम ग्राम कोटवार एवं ग्राम बाम्हन पाली एवं महुआ पाली के सरपंच,उप सरपंच एवं स्थानीय नागरिकों के उपस्थिति में उक्त विवादस्पद भूमि के सम्बंध में पंचनामा तैयार किया गया किन्तु मौके पर रामनाथ सौंरा उपस्थित नही होने के कारण आगामी तिथि तक उक्त मौका जांच को स्थगित रखा गया है।

खरसिया एसडीएम न्यायालय में उक्त मामले की अगली सुनवाई 14/11/22 को रखा गया है।

मामले में प्राप्त जानकारी अनुसार बेनामी सम्पत्ति क्रय मामले में उक्त भूमि पर काबिज बजरंग अग्रवाल के परिजनो की मुश्किल बढ़ सकती है।

फिलहाल उक्त कार्यवाही से खरसिया क्षेत्र में आदिवासी जमीनों की।खरीद फरोख्त करने वालों एवं जमीन दलालों में हड़कंप व्याप्त है।

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