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पर्दाफाश

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बच्चों को इंग्लिश सीखाने के जुनून ने खरसिया सशिमं के आचार्य चन्द्रा को रायपुर राजधानी में दिलाया सम्मान।

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बच्चों को इंग्लिश सीखाने के जुनून ने खरसिया सशिमं के आचार्य चन्द्रा को रायपुर में दिलाया सम्मान

* स्टेट लेवल इंग्लिश टीचर्स ट्रेनिंग में मिला मोस्ट एक्टिव टीचर का अवार्ड

रायपुर। इंसान में अपने कर्तव्य के लिए जुनून और समर्पण हो। तो वह कहीं भी अपने लिए सम्मान का अवसर बना लेता है। सरस्वती शिशु मंदिर खरसिया के शिक्षक अमृतलाल चंद्रा राज्य के इकलौते ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने बच्चों को निस्वार्थ भाव से इंग्लिश सिखाने के काम को अपनी पूजा बना लिया। शिक्षकों में ऐसा जुनून बहुत कम देखने को मिलता है।

सरस्वती शिक्षा संस्थान रायपुर में स्टेट लेवल इंग्लिश टीचर्स ट्रेनिंग में शिक्षक अमृतलाल चंद्रा को बच्चों को खेल खेल में अंग्रेजी सीखने के लिए प्रेरित करने पर मोस्ट एक्टिव टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
पूरे राज्य में वे इकलौते ऐसे शिक्षक रहे जिन्होंने पहले चरण की ट्रेनिंग के बाद इस काम को अपना जुनून बना लिया। रायपुर से वापस लौटते ही वे खुद प्रेरित होकर वीडियो बनाने लगे। इंग्लिश के विभिन्न ग्रामर बोलचाल को केंद्र में रखकर करीब रोज वीडियो बनाए। इसमें स्कूल के बच्चों को शामिल किया। उनकी इस पहल का पेरेंट्स और नगर के शिक्षाविदों ने स्वागत किया। उनके इस समर्पण भाव से हिंदी मीडियम सशिमं खरसिया की शैक्षिक फिंजा कुछ ऐसी बदलने लगी है कि बच्चों की रुचि इंग्लिश लैंग्वेज सीखने के लिए बढ़ने लगी है। इंग्लिश के प्रति बच्चों के मन में संकोच और डर कम हो रहा है। उनके साथी शिक्षक भी उनकी तारीफ करने से नहीं चूक रहे हैं। प्रशिक्षक विवेकानंद गुप्ता ने सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया।

*अस्पताल में भर्ती रहकर बनाते रहे योजना* – पहले चरण की ट्रेनिंग से लौटते ही चन्द्रा सर को अस्वस्थ होने के कारण एक अस्पताल में कुछ दिनों के लिए भर्ती होना पड़ा। शरीर में कष्ट होने के बावजूद वे आने वाले दिनों में बच्चों को कैसे पढ़ाना है। इसके लिए अपने दिमाग में योजना बनाते रहते थे। जुनून ऐसा कि जरुरत महसूस होने पर वे अपनी फैमिली को भी इंग्लिश स्पोकन एक्टिविटी में शामिल कर लेते हैं।

स्टोरी –
संस्कार श्रीवास्तव
सरस्वती शिक्षा संस्थान रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज के पीछे
छत्तीसगढ

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