द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का पद किया ग्रहण, रामनाथ कोविंद भी रहे मौजूद…
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द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का पद किया ग्रहण, रामनाथ कोविंद भी रहे मौजूद
भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। 1952 में उन्होंने पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता। राजेंद्र प्रसाद ने दूसरा राष्ट्रपति चुनाव भी जीता और मई 1962 तक इस पद पर रहे।
द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का पद किया ग्रहण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया। उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मुर्मू को सलामी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक सलामी दी गई। उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पर मुर्मू ने दिया धन्यवाद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के सेंट्रल हॉल में उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य गणमान्य लोगों को धन्यवाद दिया और नेताओं ने उन्हें बधाई दी।
पीएम समेत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए ये लोग
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,”मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।”
राष्ट्रपति बोलीं- छोटे से गांव से आती हूं मैं
मैं छोटे से गांव से आती हूं और वहां प्राथमिक शिक्षा हासिल करना भी कठिन है। मैं इस स्तर तक शिक्षा पाने वाली पहली व्यक्ति हूं। राष्ट्रपति के रूप में मेरा चुना जाना केवल मेरी उपलब्धि नहीं है, बल्कि देश के सभी लोगों की उपलब्धि है, जो वे इस स्तर तक पहुंचने का सपना देख सकते हैं।
सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
“जोहार! नमस्कार! देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “जोहार! नमस्कार! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।”
स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली मैं पहली राष्ट्रपति: मुर्मू
शपथ ग्रहण के दौरान मुर्मू ने कहा मेरा सौभाग्य है कि मुझे स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सेवा करने का अवसर मिला है। मैं स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति हूं।
चीफ जस्टिस ने द्रौपदी मुर्मू को दिलाई शपथ
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई, वे भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की ली शपथ
द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है।
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