कौन बनेगा भारत देश का अगला राष्ट्रपति ..? किसको बनाया गया है राजग गठबंधन की तरफ से महामहीम राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार….. आईये जाने द्रोपदी मुर्मू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी….
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Draupadi Murmu: पति और दो बेटों की मौत ने उजाड़ दी थी जिंदगी, द्रौपदी ने कभी नहीं मानी हार…
द्रौपदी मुर्मू, जिन्हें एनडीए ने अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है. पति और दो बेटों की मौत ने उजाड़ दी थी कभी द्रौपदी की जिंदगी अपनी बेटी को संभाला और एक नया इतिहास लिखने जा रही हैं द्रौपदी. जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ीं खास बातें…
द्रौपदी मुर्मू को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की तरफ से इस बार होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है. ओडिशा से देश की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी शख्स होंगी. द्रौपदी मुर्मू से पहले ओडिशा से वीवी गिरी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं.
बता दें कि देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है.
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है. वह आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं. द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था. दंपति के दो बेटे और एक बेटी हुई. लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने पति और अपने दोनों बेटों को खो दिया. घर चलाने और बेटी को पढ़ाने के लिए मुर्मू ने एक टीचर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक यानी क्लर्क के पद भी नौकरी की.
पति और दो बेटों को खो चुकां द्रौपदी मुर्मू के पास बस एक बेटी थी, जिसे उन्होंने नौकरी से मिलने वाले वेतन से घर खर्च चलाया और बेटी इति मुर्मू को पढ़ाया-लिखाया. बेटी ने भी कॉलेज की पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी हासिल कर ली. इति मुर्मू इन दिनों रांची में रहती हैं और उनकी शादी झारखंड के गणेश से हो चुकी है. दोनों की एक बेटी आद्याश्री है.
साल 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में भी झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल यानी कि द्रौपदी मुर्मू के नाम की चर्चा जोरों पर थी. लेकिन उस दौरान रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर लगी और उन्हें ही राष्ट्रपति चुना गया.अब बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में करीब 20 नामों पर चर्चा के बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर रायशुमारी बन गई. ऐसे में अगर चुनाव में सफलता मिली तो किसी समय एक क्लर्क के पद पर काम कर चुकीं आदिवासी महिला मुर्मू पहली बार रायसीना हिल की सीढ़ियां चढ़ेंगी.
21 जून की देर शाम बीजेपी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रत्याशी के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की, तो वह नई दिल्ली से करीब 1600 किलोमीटर दूर रायरंगपुर (ओड़िशा) के अपने घर में थीं. इससे ठीक एक दिन पहले 20 जून को उन्होंने अपना 64 वां जन्मदिन बड़ी सादगी से मनाया था. तब उन्हें यह विश्वास नहीं रहा हो कि महज़ 24 घंटे बाद वे देश के सबसे बड़े पद के लिए सत्ता पक्ष की तरफ़ से उम्मीदवार बनाई जाने वाली हैं. लेकिन, ऐसा हुआ और अब सारे कयासों पर विराम लग चुका है.
अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा : “मैं आश्चर्यचकित हूँ और ख़ुश भी क्योंकि मुझे राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया गया है. मुझे टेलीविजन देखकर इसका पता चला. राष्ट्रपति एक संवैधानिक पद है और मैं अगर इस पद के लिए चुन ली गई, तो राजनीति से अलग देश के लोगों के लिए काम करूंगी. इस पद के लिए जो संवैधानिक प्रावधान और अधिकार हैं, मैं उसके अनुसार काम करना चाहूंगी. इससे अधिक मैं फ़िलहाल और कुछ नहीं कह सकती.”
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