बड़ी खबर-मीडिल स्कूल के हेडमास्टर और लेक्चरर की पदोन्नति पर हाईकोर्ट की रोक – शासन से तीन सप्ताह में हाई कोर्ट ने मांगा जवाब…

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बड़ी खबर-मीडिल स्कूल के हेडमास्टर और लेक्चरर की पदोन्नति पर हाईकोर्ट की रोक
– शासन से तीन सप्ताह में हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
पर्दाफाश न्यूज डेस्क बिलासपुर।
हाईकोर्ट ने शिक्षकों के पदोन्नति पर रोक लगा दी है। यह रोक हेडमास्टर मीडिल स्कूल और लेक्चरर के पद पर होने वाली पदोन्नति पर लगी है। शासन के आदेश पर स्टे देने के लिए 2010 में नियुक्त हुए ई कैडर शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पदोन्नति के प्रावधान को चुनौती दी। इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
संजय कुमार यदु और मधुसुदन टंडन ने अधिवक्ता एनके मालवीय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के लिए वर्ष 2010 में विभागीय प्रावधान लागू किया गया था। इसमें विभागीय परीक्षा देकर मीडिल स्कूल हेडमास्टर बन सकते हैं। इसके बाद विभागीय परीक्षा देकर कई शिक्षाकर्मी हेडमास्टर बन गए, जिन्हें ई कैडर शिक्षक कहा गया। बाकि शिक्षक शिक्षाकर्मी बने रहे। वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने एक नीतिगत निर्णय लेते हुए शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया, जिन्हें एलबी शिक्षक कहा गया। हाईकोर्ट में बताया गया कि मौजूदा पदोन्नति प्रक्रिया में राज्य सरकार ने नोटिफाई किया है कि ई कैडर और एलबी कैडर से 50-50 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। क्योंकि ई कैडर वालों की नियुक्ति 2010 में हुई थी, जबकि एलबी कैडर 2018 में शिक्षा विभाग में आए और विभाग के नियम के मुताबिक पदोन्नति हर 5 साल में होना है। इस लिहाज से ई कैडर के शिक्षकों ने दो ग्राउंड पर नए पदोन्नति नोटिफिकेशन को चुनौती दी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मीडिल स्कूल हेडमास्टर और लेक्चरर की पदोन्नति प्रक्रिया पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। वहीं राज्य सरकार से इस मामले में 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
टी संवर्ग पर नहीं पड़ेगा रोक का असर
हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक का असर टी संवर्ग के शिक्षकों पर नहीं आएगा। साथ ही प्राथमिक शिक्षकों और शिक्षक एलबी व प्राथमिक प्रधान पाठक के पदोन्नति पर भी इसका असर नहीं होगा।
दो अलग कैडर नहीं बना सकते, पदोन्नति 5 के बजाय 3 साल में नहीं दे सकते
याचिका में दो ग्राउंड लिया गया इसमें पहला ग्राउंड था दोनों शिक्षक सोर्स ऑफ रिक्रूटमेंट से आए हैं। इसलिए अलग-अलग कैडर नहीं कर सकते। इस आधार पर 50-50 प्रतिशत का बंटवारा नहीं हो सकता। दूसरा ग्राउंड दिया शिक्षाकर्मी वर्ग 2018 में शिक्षक बने हैं, उस आधार पर 5 साल में पदोन्नति के बजाय 3 साल में पदोन्नत का फैसला नहीं लिया जा सकता।

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