शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा पहले श्वेता सिंह ,विकल्प श्रीवास्तव अब मनीष कुर्रे बर्खास्त आखिर कौन है इस महाफ़र्जीवाड़े के पीछे जानिए पूरा सच,,,,देखिये पूरी खबर।
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शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा पहले श्वेता सिंह ,विकल्प श्रीवास्तव अब मनीष कुर्रे बर्खास्त आखिर कौन है इस महाफ़र्जीवाड़े के पीछे जानिए पूरा सच,,,,देखिये पूरी खबर।
बिलासपुर – बिलासपुर जिले के जिला शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है यहां लगातार एक के बाद एक तीन शिक्षकों को फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है, बता दे कि मनीष कुरे को पी दाशरथी व आवेदन प्रस्तुतकर्ता क्लर्क विकास तीवारी के द्वारा गलत तरीके से फर्जी तरीके से नियुक्ति दे दी गई थी शिकायत में उल्लेख किया गया था कि साशकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तखतपुर में व्याख्याता के पद पर कार्यरत्त धनसाय कुरे की मृतयु 26/11/2019को होने पर उसके आश्रित बड़े बेटे सतीश कुरे को अनुकम्पा नियुक्ति मिलनी थी चुकी सतीश कुरे पूर्व से ही मुंगेली जिले के भालापुर (दुल्लापुर)में पटवारी के पद पर साशकीय सेवा में कार्यरत है इसलिए सतीश कुरे पटवारी के सहमति के आधार पर अपने छोटे भाई मनिष को सहायक ग्रेड 3 के पद पर साशकीय हाई स्कूल सिलतरा तखतपुर में पदस्थ कर दिया गया शिकायत में जिम्मेदार अधिकारी पूर्व डीईओ पी दाशरथी व प्रस्तुतकर्ता क्लर्क विकास तिवारी के द्वारा यह फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है यह भी उल्लेख किया गया था जिसमे डीईओ ने मामले में संज्ञान में लेते हुए इस प्रकरण में जाँच कर व बर्खास्तगी की कार्यवाही की लेकिन इस मामले में फर्जी तरीके से नियुक्ति करने वाले प्रभारी deo व चयन प्रक्रिया में जो समिति गठित की जाती है उनके ऊपर आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही की गई है जबकि पूरी पूरी जिम्मेदारी चयन प्रक्रिया समिति के ऊपर होती है, नियमानुसार विभाग को थाने में एफआईआर दर्ज करवाना चाहिए था जो आज दिनांक तक नहीं हो सका है अब देखने वाली बात यह है कि इस खबर को प्रकाशित करने के बाद क्या कानूनी कार्यवाही होती हैं?
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