मुंगेली पहुंचने पर हिंदू योद्धा संदीप सिंह ठाकुर का हुआ स्वागत, कवर्धा में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी उनकी भी गिरफ्तारी मुंगेली में जगह-जगह स्वागत और आरती उतार कर किया गया यश गान,,
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मुंगेली पहुंचने पर हिंदू योद्धा संदीप सिंह ठाकुर का हुआ स्वागत, कवर्धा में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी उनकी भी गिरफ्तारी मुंगेली में जगह-जगह स्वागत और आरती उतार कर किया गया यश गान,,
3 अक्टूबर को कवर्धा में हिंदू पताका के अपमान के बाद हिंदू और मुस्लिम पक्ष में हुए विवाद में पुलिस और प्रशासन द्वारा हिंदू पक्ष को ही दोषी ठहरा कर जबरन कार्यवाही किए जाने के विरोध में प्रदेश भर से हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए कवर्धा पहुंचे थे, उन्हीं में से एक थे मुंगेली के संदीप सिंह ठाकुर। मुंगेली में करणी सेना सहित तमाम हिंदू संगठनों और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े संदीप ठाकुर को भी विरोध प्रदर्शन के दौरान कवर्धा में 4 अक्टूबर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। संदीप सिंह भी उन 108 हिंदुओं में शामिल थे जिनकी गिरफ्तारी हुई और उन्हें दुर्ग जेल भेज दिया गया था। हिंदुओं पर हुई एक तरफा कार्यवाही का जब पूरे देश भर में विरोध होने लगा तो अंततः 19 दिन बाद अदालत से सभी आरोपियों की रिहाई संभव हुई। शनिवार को संदीप सिंह को दुर्ग जेल से रिहाई मिली। हिंदू गौरव के लिए संघर्ष करने वाले संदीप सिंह का स्वागत किसी विजेता योद्धा की तरह किया गया। उनके स्वागत में सुबह से ही मुंगेली में तैयारी आरंभ हो गई थी।
जैसे ही जेल से संदीप सिंह ठाकुर बाहर आए तो फूल मालाओं से उन्हें लादते हुए जयकारे लगाए गए। तो वहीं गाजे-बाजे के साथ रैली की शक्ल में लोग संदीप सिंह ठाकुर को लेकर मुंगेली पहुंचे। यहां करणी सेना और अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोग पहले से ही सड़क किनारे उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे, जिन्होंने जमकर संदीप सिंह के समर्थन में नारे लगाए। हालांकि मुंगेली नगर में प्रवेश के दौरान एक बार फिर पुलिस प्रशासन ने व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया। लेकिन जन भावना के आगे पुलिस को कदम पीछे लेना पड़ा। पुलिस को कुछ लोगों के इकट्ठे होने पर ऐतराज था। उन्होंने कहा कि प्रशासन से इसकी अनुमति नहीं ली गई है । लेकिन जब उन्हें बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कुछ दिन पहले ईद मिलादुन्नबी पर विशाल रैली निकली थी और उस दौरान पुलिस उस रैली को रोकने की जगह उनकी सुरक्षा में लग गई थी ,जिससे पुलिस निरुत्तर हो गई और उन्हें पीछे हटना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी और करणी सेना में सक्रिय रुप से जुड़े संदीप सिंह ठाकुर को व्यापक जन समर्थन मिलता दिखा। रास्ते में जगह-जगह उन्हें रोककर उनका स्वागत किया गया। महिलाओं ने उनकी आरती उतारी। शक्तिमाई से शुरू हुआ स्वागत और आरती का यह सिलसिला महामाया मंदिर तक चलता रहा।
महामाया मंदिर में दर्शन करने के बाद संदीप सिंह ठाकुर और उनके सभी साथियों ने सोनार पारा स्थित श्रीराम मंदिर जाकर दर्शन लाभ लिया। इस दौरान हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस विभाग का अमला साथ साथ ही चलता रहा। संदीप सिंह ठाकुर के हिम्मत और हौसले के उत्साहवर्धन के लिए केवल युवा ही नहीं पहुंचे थे बल्कि महिलाओ और माताओं ने भी उन्हें आशीर्वाद देते हुए तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी। इससे जनता का मिजाज समझ में आ रहा है। पिछले कुछ सालों में तुष्टिकरण की नीति का असर यह हुआ है कि हिंदू अब अपने सम्मान के प्रति सजग हुआ है और हिंदू हित की बात करने वाले नये नायक गढ़े जा रहे हैं। संदीप सिंह ठाकुर का भी स्वागत किसी नायक की तरह किया गया ।पूरे रास्ते भर भव्य स्वागत सत्कार के साथ जय श्रीराम के नारे से मुंगेली गूंज उठा। पुलिस के दखल का भी लोगों के उत्साह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
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