दशहरे की पूजा विधि और उपाय…….
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दशहरे की पूजा विधि और उपाय
नवरात्री के नव दिनों तक माँ दुर्गा ने अपने विविध नौ रूपों से महिसासुर की पूर्ण दैत्य सेना का नाश किया। इसीलिए माँ दुर्गा का शक्ति के रूप में दशहरा के दिन पूजन किया जाता है। माँ दुर्गा की पूजा के साथ आयुध पूजा यानि की शस्त्र पूजा की भी प्रथा सदियों पुरानी है। आज के आधुनिक युग में जब हम बात करते हैं शस्त्रों की, तो यह बताना जरूरी है की आप जो भी कार्यक्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उस कार्यक्षेत्र में उपयोग में लिए जाने वाले कोई भी उपकरण या किसी भी प्रकार के साधन आपका शस्त्र ही गिना जायेगा जैसे की वाहन, कंप्यूटर, डॉक्टर के लिए उनके उपयोगीदा साधन या फिर किसी फैक्ट्री के मशीन्स इत्यादि। आइये अब जानते हैं शस्त्र पूजा की विधि के बारे में।
जिस शस्त्र या मशीन की पूजा करनी है उस पर दूर्वा से गंगाजल से छींटकाव करें। तत्पश्च्यात कुमकुम, हल्दी, अक्षत और पुष्प चढ़ाएं। उसके बाद शस्त्र या मशीन को अगरबत्ती का धुप दिखाएं और मिठाई एवं फलादि का भोग लगाएं। अंत में आरती कर के शक्ति रूपी शस्त्र या मशीन्स को इस मंत्र के साथ नमस्कार करें।
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शक्ति स्वरूपाय विद्महे।
महायंत्राय धीमहि।
तन्नो यन्त्र प्रचोदयात।।
आइये अब जानते हैं कुछ ऐसे विशिष्ट प्रयोग जिसको दशहरा के दिन पर करने से आपके जीवन से संबंधित बहुत विविध दुविधाओं में से आपको निजात मिल सकता है।
विशेष उपाय
शनि, राहू या केतु जनित कोई समस्या हो, कोई ऊपरी बाधा हो, बनता काम बिगड़ रहा हो, कोई अनजाना भय आपको भयभीत कर रहा हो अथवा ऐसा लग रहा हो कि किसी ने आपके परिवार पर कुछ कर दिया है, तो इसके निवारण के लिए दशहरे के दिन एक पानी वाला और
चोटी वाला नारियल लेकर उसे काले कपड़े में लपेटें। काले तिल, उड़द की दाल तथा 1 कील के साथ उसे बहते जल में प्रवाहित करें।
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