कवर्धा मामले में बीजेपी नेताओं की बड़ी मुश्किलें बीजेपी सांसद सन्तोष सहित पूर्व सांसद अभिषेक सिंह सहित दर्जनों पर गम्भीर धाराओं के तहत हुआ FIR पुलिस कर चुकी है अभी तक 59 लोगों को गिरफ्तार… पढ़े पूरी खबर
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हिंसा फैलाने का मामले:कवर्धा में अशांति फैलाने सांसद संतोष पांडेय अभिषेक समेत 14 के खिलाफ एफआईआर
कवर्धा4 घंटे पहले
कवर्धा में अशांति फैलाने सांसद संतोष पांडेय अभिषेक समेत 14 के खिलाफ एफआईआर|
कवर्धा (कबीरधाम),एसपी मोहित गर्ग ने मीडिया से कहा कि मामला संवेदनशील है, इसलिए वे बिना सूची देखे यह नाम नहीं बता सकेंगे।
दो दिन पहले 5 अक्टूबर को शहर में कानून-व्यवस्था बिगड़ने व हिंसा के मामले में अब भाजपा के बड़े नेताओं के नाम भी एफआईआर की कॉपी में जोड़ दिए गए हैं। इन नेताओं में राजनांदगांव-कवर्धा लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, विश्व हिन्दू परिषद के जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर, भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर समेत वरिष्ठ नेता कैलाश चंद्रवंशी, राजेन्द्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर के नाम शामिल हैं।
ये सभी कबीरधाम भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेता हैं। इससे पहले तक मामले में 59 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिन पर बलवा समेत कई धाराएं लगाई गई हैं। इन पर धारा 147, 148, 149, 153 क, 188, 295, 332, 353, भादवि की धारा 109 व लोक संपत्ति की क्षति की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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- मीडिया को सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने एफआईआर की कॉपी कोर्ट से निकलवाई है, तब जाकर इन वरिष्ठ नेताओं का नाम पता चल सका है। जानकारी के मुताबिक इनके खिलाफ भी 5 अक्टूबर की तारीख में ही एफआईआर की गई है। ऐसे में संभव है कि जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो। हालांकि, एसपी मोहित गर्ग ने मीडिया को कहा कि मामला संवेदनशील है, इसलिए वे बिना सूची देखे यह नाम नहीं बता सकेंगे।
ये पीसीसी प्रदेश कांग्रेस कमेटी नहीं, पुलिस कांग्रेस कमेटी
इस विषय पर सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि ये जो पीसीसी कहते हैं न प्रदेश कांग्रेस कमेटी यह दरअसल पीसीसी यानी पुलिस कांग्रेस कमेटी हो गई है। प्रशासन के साथ हुई बातचीत में 59 लोगों की गिरफ्तारी के बाद इस संख्या को आगे न बढ़ाने को लेकर आश्वासन दिया गया था। इन 59 लोगों में भी जो दोषी नहीं हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।
बाद में फिर से जो 14 नाम जोड़े गए हैं, यह राजनीतिक विद्वेष की भावना को दर्शाता है। गिरफ्तारी के लिए चुन-चुनकर भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं का नाम शामिल करना, धारा बढ़ाना, साफ-साफ राजनीति झलकती है।
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