नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , मजदूर-किसान संगठनों की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि..भारत बंद के समर्थन में संयुक्त कन्वेंशन : 27 को चक्का जाम के साथ होगा प्रदर्शन… – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

मजदूर-किसान संगठनों की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि..भारत बंद के समर्थन में संयुक्त कन्वेंशन : 27 को चक्का जाम के साथ होगा प्रदर्शन…

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

मजदूर-किसान संगठनों की संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि..भारत बंद के समर्थन में संयुक्त कन्वेंशन : 27 को चक्का जाम के साथ होगा प्रदर्शन

कोरबा। मोदी सरकार की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 27 सितम्बर को आहूत भारत बंद को सफल बनाने के लिए सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कमर कस ली है। इन संगठनों ने गेवरा में संयुक्त रूप से आज मजदूर-किसान कन्वेंशन का आयोजन किया तथा बंद के समर्थन में बांकी-सुतर्रा मार्ग को जाम करने का निर्णय लिया। कन्वेंशन की अध्यक्षता अजय प्रताप सिंह एवं संचालन जनाराम कर्ष ने किया।

कन्वेंशन का उदघाटन छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीनों से चल रहे देशव्यापी आंदोलन और तमाम श्रम कानूनों को निरस्त कर मजदूर विरोधी श्रम संहिता लादे जाने के खिलाफ चल रहे मजदूर-किसान आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि ये सभी कानून देश की अर्थव्यवस्था को कॉरपोरेटों का गुलाम बना देंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में, जब देश की जनता बेरोजगारी और भुखमरी का सामना कर रही है, जब लोगों की आय में लगातार गिरावट के साथ ही देश की जीडीपी में कमी आ रही है, कॉरपोरेटों के मुनाफे दिन दुगुने, रात चौगुने के हिसाब से बढ़ रहे है। यह तथ्य ही मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों की दिशा को बताने के लिए काफी है। किसान सभा नेता ने कहा कि यदि किसानों को उनकी फसल की समग्र लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा, तो उनकी क्रय शक्ति नहीं बढ़ेगी और घरेलू मांग भी नहीं बढ़ेगी। इससे देश की आम जनता की हालत और ज्यादा खराब होगी। इन परिस्थितियों में उन्होंने कोरबा नगर निगम द्वारा नागरिकों पर संपत्ति कर और जल कर का भार लादे जाने और बिजली विभाग द्वारा अनाप-शनाप बिल दिए जाने की भी तीखी आलोचना की और कहा कि इस क्षेत्र की जनता इस तरह के ‘लगान’ को स्वीकार नहीं करेगी।

कन्वेंशन को इंटक के केंद्रीय नेता गोपाल नारायण सिंह, एटक नेता दीपक उपाध्याय और एचएमएस के केंद्रीय नेता रेशमलाल यादव ने भी संबोधित किया। तीनों नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने सात साल के कार्यकाल में केवल मजदूरों और किसानों के हितों पर हमला ही किया है और निजीकरण करके देश की संपत्ति को बेचने का काम कर रही है। मोदी सरकार लोगों की खून-पसीने से पैदा की गई सरकारी संपत्ति को कौड़ियों के भाव पूंजीपतियों को लूटा देने पर आमादा है। सरकारी उद्योगों के निजी हाथों में जाते ही श्रम कानून को पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएंगे और मजदूरों के मौलिक अधिकार खत्म हो जाएंगे। देश की मेहनत कश जनता इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने 27 सितम्बर को ऐतिहासिक भारत बंद के कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल बनाने की अपील की।

सीटू नेता वीएम मनोहर ने कन्वेंशन का समापन किया। किसान आंदोलन की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि किसान जीतेंगे, तभी देश के मजदूर जीतेंगे। पूरे देश में विकसित हो रहे संयुक्त मजदूर-किसान आंदोलन को मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध शिला बताते हुए उन्होंने इसे शुभ लक्षण बताया और कहा कि फिर से यह देश अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है और इस लड़ाई में कॉर्पोरेटपरस्त मोदी सरकार और संघी गिरोह की हार तय है। इस क्षेत्र में भू-विस्थापितों और खनन प्रभावित लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ी मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह संघर्ष मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष से जोड़कर लड़ना होगा और किसान संगठनों के साथ ही ट्रेड यूनियन संगठनों को भी इन मुद्दों को बड़े पैमाने पर उठाना होगा। अब कोयला मजदूरों की आजीविका की सुरक्षा का प्रश्न भी विस्थापन प्रभावित लोगों की आजीविका से सीधे-सीधे जुड़ गया है। अब यदि व्यापक जनता एक होकर नहीं लड़ेगी, तो इस क्षेत्र में न भू-विस्थापित बचेंगे और न ही मजदूर-किसान और छोटे व्यापारी ही। उन्होंने कहा कि 27 सितम्बर का भारत बंद इस देश की गरीब जनता के अस्तित्व को बचाने का संघर्ष है।

कन्वेंशन को गोपाल यादव, दीपक साहू और टी सी सूरज ने भी संबोधित किया। कन्वेंशन में प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, एस सी मंसूरी, अमृत लाल चंद्रा, एम डी वैष्णव, एल पी अघरिया, दीपक सरनाइथ, गोपाल मुखर्जी, हेमंत मिश्रा, बी एल खूंटे, महेंद्र पाल, सतीस सिंह, संतोष मिश्रा, एस सामंतो, डी एल टंडन, जय कौशिक सहित मजदूर-किसान संगठनों के अनेकों प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

April 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930