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पर्दाफाश

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फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 46 साल नौकरी कर प्रार्थी और आरोपी दोनो हो गए रिटायर, 26 साल से होती रही शिकायत लेकिन नहीं हुई कोई कार्यवाही, 8 फरवरी 2021 को राज्य सरकार ने जांच एवं कार्रवाई के दिए निर्देश लेकिन ….?

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फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 46 साल नौकरी कर हो गए रिटायर, 26 साल से होती रही शिकायत लेकिन नहीं हुई कोई कार्यवाही, 8 फरवरी 2021 को राज्य सरकार ने जांच एवं कार्रवाई के दिए निर्देश लेकिन ….

शिकायत किये हुए प्रमुख दस्तावेजों की प्रति-

हमारे देश मे कानूनी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि उसे समझने में आम आदमी को सालों लग जाते हैं और न्याय पाने के लिए अदालत के चक्कर लगा लगाकर जिंदगी खत्म हो जाती है। आज हम आपको फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे सारी जिंदगी नौकरी करने वाले और उसके खिलाफ़ 26 सालों से कार्रवाई की मांग करने वाले शख्स के बारे में बताते हैं।

*शिकायत करते करते प्रार्थी और आरोपी दोनों हो गए सेवानिवृत्त*

जांजगीर जिला अंतर्गत ग्राम सरखों निवासी 67 वर्षीय पूरन लाल साहू स्वास्थ्य विभाग में ड्रेसर के पद पर पदस्थ थे। वे मई 2016 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने 4 दिसंबर 2020 को पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा से लिखित में शिकायत करते हुए कहा था कि बिलासपुर सरकंडा के फ्रेंड्स कॉलोनी क्वार्टर नंबर F 3/6 में निवासरत रमेश कुमार साव फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे साल 1975 से नौकरी कर रहा था, जिसकी शिकायत वे 1995 से करते आ रहे हैं। वर्तमान में वो भी सेवानिवृत्त हो चुका है। लेकिन पुलिस एवं जिला प्रशासन से शिकायत किए जाने के बावजूद ना तो उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया और ना ही फर्जीवाड़े के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई ।

*1995 में पहली बार ASP बिलासपुर से की गई थी शिकायत*

प्रार्थी पूरनलाल साहू ने पहली बार साल 1995 में तत्कालीन ASP बिलासपुर आलोक रंजन सिंह से रमेश कुमार साव के विरुद्ध फर्ज़ीवाड़े की शिकायत की थी। उन्होंने रमेश के समस्त फर्जी दस्तावेजों को पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उसकी गिरफ्तारी की मांग की और यह भी ऐलान किया कि रमेश कुमार को गिरफ्तार करने वाले अधिकारी को 5 लाख रु तथा उसके प्रमाणपत्रों को सही साबित करने वाले अधिकारी को 2 लाख रु का नगद इनाम देंगे । बावजूद इसके उसके खिलाफ आज पर्यंत तक कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

*माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल से भी की गई थी शिकायत*

प्रार्थी पूरन लाल साहू ने 10 जनवरी 2018 को इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल को भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, जिसके लगभग 3 महीने बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से कार्रवाई के लिए जांजगीर एसपी के पास पत्र आया था। लिहाजा 7 अप्रैल 2018 को उन्हें बयान दर्ज करवाने के लिए एसपी कार्यालय बुलाया गया लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई करने की बजाय जांच और कार्रवाई के नाम पर उन्हें सालों तक घुमाते रहे।

*जाँच के दौरान फर्जी दस्तावेजों को गायब कर देने का आरोप*

लंबा वक्त गुजर जाने के बावजूद जब पूरन लाल साहू को जांच रिपोर्ट नहीं दिया गया तो थक हार कर उन्होंने राज्य सूचना आयोग को पत्र लिखा ,लेकिन वहां से जांच रिपोर्ट की जो प्रति उन्हें दी गई उसमें रमेश के दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई यानी उसके सभी फर्जी दस्तावेजों को गायब कर दिया गया था। पत्र में कहा गया कि बिना प्रमाण पत्र के कोई भी जांच सही नहीं माना जा सकता ।इस तरह जांच फर्जी माना जाता है।

 

*8 फरवरी 2021 को शासन द्वारा IG बिलासपुर को कार्रवाई के लिए किया गया निर्देशित*

पूरन लाल साहू ने बताया कि उनके द्वारा पुनः शिकायत किये जाने के बाद छ.ग.शासन के विशेष सहायक श्री कैलाश वर्मा द्वारा 8 फरवरी 2021 को IG बिलासपुर को आरोपी रमेश कुमार साव पर कार्रवाई के लिए पत्र जारी किया गया था लेकिन अफसोस आरोपी रमेश के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

 

 

*जीते जी न्याय पाने की टूटने लगी है आस*

प्रार्थी पूरन लाल साहू शिकायत कर करके अब बुरी तरह टूट चुके हैं। अब उनकी पीड़ा उनकी जुबाँ पर आने लगी है। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे रमेश कुमार साव के आगे भारत का संविधान भी कमजोर पड़ गया है। एसपी, कलेक्टर, आईजी, डीजीपी सर के अलावा माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति महोदय जी से शिकायत के बावजूद आरोपी रमेश कुमार साव पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरे द्वारा उस पर लगाए गए सभी आरोपों के साक्ष्य आज भी मेरे पास उपलब्ध हैं। अब तो ऐसा प्रतीत होता है मानों उन्हें जीते जी इस जन्म में न्याय नहीं मिलेगा । एक ईमानदार व सच्चे पीड़ित व्यक्ति के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा ।

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